बार-बार इंडिकेटर और टाइम फ्रेम को बदलते रहना – यह गलती आम तोर देखने को मिलती और ज्यादा तर यह गलती है बाजार में नए लोग करते है। अगर आप बार-बार इंडिकेटर को बदलेंगे और टाइम फ्रेम में तबदीली करेंगे तो आपको गलत सिग्नल मिलेगे और मुनाफा निकालना मुश्किल हो जायेगा।
बहुत ज्यादा इंडिकेटर लगा देना या फिर ज्यादा एनालिसिस करना – शेयर बाजार की एक सच्चाई है जब आप ज्यादा एनालिसिस करेंगे तो आप कोई भी निर्णेय नहीं ले पाओगे।
शुरआत में मार्जिन का प्रयोग करना – जब भी आप मार्जिन का प्रयोग करते है तो आपके पैसे की प्रोटेक्शन कम कर देता है अगर आपको 10 गुणा मार्जिन मिलता है तो आपका पैसा दस गुणा ज्यादा रिस्क में चला जाता है। एक पुराणी कहानी है की चींटी बार -बार दिवार पर चढ़ने की कोशिश करती है और बार – बार गिर जाती है लेकिन बहुत देर कोशिश करने के बाद वह दिवार पर चढ़ जाती है लेकिन अगर में चींटी कहा जाता की आपको सिर्फ 5 मौके मिलेंगे आपको उतने में ही चढ़ना है तो शायद चींटी कभी भी दिवार पर चढ़ नहीं पाती।
बाजार का सपाट चलना – यह एक गंभीर समस्या है क्योकि की जब भी बाजार सपाट होता है या चोप्पी होता उस समय कोई भी ट्रेडिंग से पैसा नहीं बना सकता क्योकि उस वक्त सभी इंडिकेटर और सभी स्ट्रेटेजी कंफ्यूज हो जाती है इसलिए आपको इस समस्या से बचने के लिए इंडेक्स में ट्रेडिंग करनी चाहिए क्योकि इंडेक्स शेयर के मुकाबले बहुत कम चोप्पी रहता है।
रिस्क एंड रिवॉर्ड रेश्यो – आपको हमेशा रिस्क के मुकाबले ज्यादा मुनाफे की इच्छा रखनी चाहिए।
स्टॉप लोस्स – कोई भी ट्रेड स्टॉप लोस्स के बिना नहीं लेना चाहिए।
वॉल्यूम – हमेशा ज्यादा वॉल्यूम वाले शेयर में ट्रेडिंग करे नहीं तो प्राइस डेप्थ के अंदर काफी डिफ्रेंस आ जायेगा।
इंडिकेटर अगर काम करता है तो क्यों 95% लोग ट्रेडिंग में नुकसान करते है ?
Updated: Sep 17, 2020