नमस्कार दोस्तों आज हम इस ब्लॉग में (52 week high and low) के बारे में बात करेंगे और जानेगे कैसे आपको यह ट्रेडिंग के अंदर मदद कर सकता है।
(52 week high and low) क्या है ? :-
हम सभी जानते है की एक साल में 52 week होते है यानि (52 week high and low) को हम एक साल का high / low भी समझ सकते है। अब बात आती है की यह (52 week high and low) आपको ट्रेडिंग में कैसे मदद कर सकता है तो यह आपको अनेक तरीके से फायदा दे सकता है जैसे :- इंट्राडे ट्रेडिंग , शार्ट टर्म ट्रेडिंग , मीडियम टर्म ट्रेडिंग।
Short-Term Trading with (52 week high and low) :-
यह आपको बताता है की बाजार एक साल में कितना नीचे गया और कितना ऊपर जिस वजह से हमे एक मजबूत Support and Resistance मिलता है। जिसका इस्तेमाल बड़े – बड़े संस्थागत निवेशक करते है।
बाजार अगर (52 week high) के पास हो तो यह bullish है और आगे भी bullish रहने की संभावना है।
बाजार अगर (52 week low) के पास है तो यह bearish है और आगे भी bearish रहने की संभावना है।
जब भी बाजार (52 week high and low) के आस पास आता है तो उसको तोड़ने में तकलीफ होती है इसलिए कई बार तोड़ पाता है और कई बार वहाँ से बाजार उल्टी दिशा की तरफ चला ज्यादा है।
भी आप बाजार को (52 week high and low) के आस पास देखे तो वहाँ आपको ट्रेड लेने का मौका मिलता है क्योकि अगर बाजार ने अपना (52 week high and low) तोडा तो उस दिशा में जानेकी एक संभावना बनती बनती है। लेकिन अगर नहीं तोड़ पाया तो वहाँ बाजार थोड़ा correction कर सकता है।
Intraday Trading with (52 week high and low) :-
(52 week high) :- अगर बाजार (52 week high) Intraday में बनाता है लेकिन उस दिन बंद मंदी से साथ होता है तो इसका मतलब है की लोग अपना प्रॉफिट बुक कर रहे है और कुछ समय के लिए बाजार थोड़ा नीचे जा सकता है और यहाँ पर intraday में short selling करके ट्रेड ले सकते है।
(52 week low) :- अगर बाजार (52 week low) Intraday में बनाता है लेकिन उस दिन बंद बढ़त के साथ होता है तो इसका मतलब है की लोग यहाँ पर खरीदारी कर रहे है और कुछ समय के लिए बाजार थोड़ा उपर जा सकता है इसलिए आप यहाँ पर Intraday में long के ट्रेड ले सकते है।